The more we learn the more is left for us to learn
साधु! एतन्नववर्षचिंतनम् आनंदप्रदम् खलु. किंतु अधुना नववर्षपक्षांतरे किमर्थमिदम् चिंतनम्? टिळकपंचांगम् पठसि वा?
साधु! एतन्नववर्षचिंतनम् आनंदप्रदम् खलु. किंतु अधुना नववर्षपक्षांतरे किमर्थमिदम् चिंतनम्? टिळकपंचांगम् पठसि वा?
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